1983 में आज ही के दिन दहला था बेरूत, अमेरिका को पहुंची थी करारी चोट, मारे गए थे 241 सैनिक
नई दिल्ली : इजरायल और
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नई दिल्ली : इजरायल और लेबनान के बीच जंग का दौर जारी है। लेबनान ने दावा किया है कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने बेरूत के दक्षिणी शहरों पर बमबारी की। इसमें चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 अन्य घायल हो गए। घायलों में एक बच्ची भी शामिल है। ये हमला देश के सबसे बड़े अस्पताल के नजदीक किया गया। इजरायल लगातार लेबनान पर हमलावर है। हालांकि, इस जंग से करीब 41 साल पहले आज के ही दिन बेरूत में ऐसी घटना हुई थी जिससे पूरा अमेरिका हिल गया था।
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23 अक्टूबर 1983 को क्या हुआ था
ये साल था 1983, जब आत्मघाती हमलावरों ने बेरूत में अमेरिका के 241 जवानों को मार डाला था। अमेरिकी सेना के लिए इतिहास की वो घटना झकझोर देने वाली थी। 23 अक्टूबर 1983 का वो दिन था, जब आत्मघाती हमलावरों ने बेरूत शहर में अमेरिका और फ्रांस की सेना के बैरकों पर विस्फोटकों से भरा ट्रक चढ़ा दिया।रूस-यूक्रेन जंग को लेकर पुतिन से पीएम मोदी ने क्या कहा, ब्रिक्स समिट के बीच मिले दोनों दिग्गज
बेरूत में हुआ था आत्मघाती हमला
इस सनसनीखेज कांड में अमेरिका के 241 सैन्यकर्मियों की जान चली गई थी। यही नहीं फ्रांस के भी 56 जवानों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, उस आत्मघाती हमले में 300 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। 80 के दशक में लेबनान गृहयुद्ध से जूझ रहा था। ऐसे में बहुराष्ट्रीय बल (MNF) के अमेरिकी और फ्रांसीसी सेना के जवान बेरूत में तैनात थे।Poonch Attack: 20 मिनट तक फायरिंग, हमारा फौजी शहीद हुआ...पुंछ हमले की कश्मीरियों ने सुनाई आंखों देखी
मारे गए थे 300 से ज्यादा लोग
ये वो सदस्य थे जो लेबनानी गृहयुद्ध के दौरान सैन्य शांति अभियान के तहत वहां भेजे गए थे। हालांकि, आत्मघाती हमले में 241 अमेरिकी और 56 फ्रांसीसी सैन्यकर्मी मारे गए। इनके अलावा छह नागरिक और दो हमलावरों ने भी जान गंवाई थीं। इस हमले में 100 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे।
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मनोज शर्मा
मनोज
शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान
संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य
कार्यकारी अधिकारी हैं।
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